उपराष्ट्रपति चुनाव में NDA बना ‘बाहुबली’, कांग्रेस उम्मीदवार को हराकर राधाकृष्णन बने नए Vice President…
सीपी राधाकृष्णन देश के नए उपराष्ट्रपति बन गए हैं. उन्होंने सीधे मुकाबले में विपक्ष के उम्मीदवार जस्टिस (रिटायर) सुदर्शन रेड्डी को हराया. उन्हें चुनाव में 452 वोट हासिल हुए.
जबकि रेड्डी 300 वोट ही हासिल कर पाए. 38 साल बाद तमिलनाडु से उपराष्ट्रपति बनने वाले वे दूसरे व्यक्ति हैं. यह चुनाव निवर्तमान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के स्वास्थ्य आधार पर एकाएक दिए गए इस्तीफे की वजह से करवाना पड़ा. रिटर्निंग ऑफिसर और राज्यसभा महासचिव पीसी मोदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव नतीजों की जानकारी दी.
रणनीति में मात खा गया इंडी गठबंधन रिटर्निंग ऑफिसर मोदी ने बताया कि कुल 767 सदस्यों ने वोट दिया. कुल 98.2 फीसदी मतदान हुआ. इनमें 752 वोट वैध थे और 15 अवैध थे. सीपी राधाकृष्णन को 452 वोट मिले. इसमें इंडी गठबंधन को 300 और NDA को 452 वोट मिले. चूंकि सीपी राधाकृष्णन को पहली वरीयता में ही जीत के लिए निर्धारित वोट मिल गए. इसलिए नियमों के मुताबिक उन्हें विजेता घोषित किया जाता है.
नए उपराष्ट्रपति का पूरा नाम क्या है? नए उपराष्ट्रपति चुने गए सी.पी. राधाकृष्णन का पूरा नाम चंद्रपुरम पोनुसामी राधाकृष्णन है. वे गौंडर-कोंगु वेल्लाला समुदाय से आते हैं, जिसे तमिलनाडु में प्रभावशाली ओबीसी समुदाय माना जाता है. उनका राजनीतिक सफर संघ परिवार से शुरु हुआ, जो अब भी जारी है. वे तमिलनाडु की राजनीति में बीजेपी के प्रमुख चेहरा रहे हैं और राज्य में पार्टी को खड़ा करने में उनका अहम योगदान माना जाता है. जब उपराष्ट्रपति पद के लिए एनडीए खेमे में उम्मीदवार के नाम की खोज चल रही थी, तब राधाकृष्णन महाराष्ट्र के राज्यपाल थे.
कोयंबटूर से 2 बार चुने गए सांसद राधाकृष्णन ने महज 17 साल की उम्र में आरएसएस से जुड़कर अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से उनके गहरे संबंध रहे. वे 1998 और 1999 के लोकसभा चुनावों में दो बार कोयंबटूर से सांसद चुने गए. बीजेपी ने 2014 और 2019 में भी उन्हें कोयंबटूर से उतारा लेकिन जीत हासिल नहीं कर पाए.
राजनीति में आने से पहले राधाकृष्णन एक अच्छे खिलाड़ी रहे. कॉलेज के दिनों में वे लॉन्ग डिस्टेंस रनर रहे और टेबल टेनिस के चैंपियन थे. उन्हें क्रिकेट और वॉलीबॉल खेलना भी पसंद है. पॉलिटिक्स में उतरने से पहले वे निटेड कॉटन एक्सपोर्ट करने का बिजनेस करते थे.
गवर्नर बनकर किए जिलों के दौरे मोदी सरकार ने 2023 में उन्हें झारखंड का राज्यपाल बनाया. इस बड़े पद पर आने के बाद उन्होंने वह सब कुछ करना शुरु किया, जो वे राजनीति में करना चाहते थे. गवर्नर बनने के 4 महीने के अंदर ही उन्होंने झारखंड के सभी 24 जिलों का दौरा कर लिया. इस दौरान वे जिलों में तैनात अफसरों और वहां के गणमान्य लोगों से मिले. इस दौरान उन्होंने सामुदायिक सेवा और हाशिए पर पड़े लोगों के सशक्तिकरण पर जोर दिया. बाद में उनका ट्रांसफर तेलंगाना, पुदुच्चेरी और महाराष्ट्र में कर दिया गया लेकिन समाज सेवा का यह दौर वहां भी जारी रहा.
अब राज्यसभा में होगी अग्नि परीक्षा सीपी राधाकृष्णन का व्यक्तित्व मिलनसार और गैर-आक्रामक माना जाता है. जिसकी वजह से उन्हें सभी दलों से बराबर सम्मान मिला है. अब वे दूसरे सर्वोच्च पद यानी उपराष्ट्रपति पर आसीन हो गए हैं. इस पद पर रहते हुए उन्हें राज्यसभा चेयरपर्सन के रूप में राज्यसभा का संचालन भी करा होगा. जहां उनकी असल अग्नि परीक्षा होगी. देखने वाली बात होगी कि वे अपनी मिलनसार छवि बरकरार रखते हुए सदन में पक्ष-विपक्ष को साधने में कैसे कामयाब रहेंगे.