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“जम्मू-कश्मीर राज्यसभा चुनाव: रेस में फारूक अब्दुल्ला, एक पर BJP की जीत तय, जानें अन्य सीटों का समीकरण”

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चुनाव आयोग (ECI) ने बुधवार (24 सितंबर) को जम्मू-कश्मीर में चार राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव की घोषणा की. जम्मू-कश्मीर विधानसभा में संख्याबल के मुताबिक, नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC)-कांग्रेस गठबंधन को 3 सीटों पर जीत मिल सकती है.

जम्मू-कश्मीर विधानसभा में कुल 90 सीटें हैं, जिनमें से दो बडगाम और नगरोटा इस समय खाली है. ऐसे में सदन की वास्तविक संख्या 88 हो जाती है. इसमें आम आदमी पार्टी (AAP) विधायक मेहराज मलिक भी शामिल हैं, जो इस समय पब्लिक सेफ्टी एक्ट (PSA) के तहत हिरासत में हैं.

क्या है सीटों का गणित?

एनसी, कांग्रेस, सीपीआई(एम) और गठबंधन को समर्थन देने वाले निर्दलीय विधायकों की संयुक्त संख्या 53 है. गठबंधन में 41 एनसी, 6 कांग्रेस, 5 निर्दलीय और 1 सीपीआई(एम) के विधायक शामिल हैं.

बीजेपी के पास 28 सीटें हैं. इसके अलावा 6 विधायक (कश्मीर की छोटी पार्टियों और निर्दलीयों से) न तो बीजेपी के साथ हैं और न ही गठबंधन के साथ. इस समूह में 3 पीडीपी, 1 पीपुल्स कॉन्फ्रेंस और 2 निर्दलीय (शबीर कुले और शेख खुर्शीद) शामिल हैं. मेहराज मलिक को जोड़ने पर यह संख्या 7 हो जाती है.

वर्तमान संख्याबल के आधार पर, एनसी गठबंधन पहले दो सीटों पर आसानी से जीत दर्ज करेगा, क्योंकि उसके पास 53 विधायक हैं, जबकि बीजेपी के पास 28 हैं. यदि बीजेपी उम्मीदवार नहीं उतारती, तो ये दोनों सीटें नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन निर्विरोध जीतेगी.

तीसरी और चौथी सीट का फैसला संयुक्त चुनाव से होगा. एनसी गठबंधन तीसरी सीट के लिए 29 प्रथम वरीयता वोट हासिल करेगा, जिससे उसके पास चौथी सीट के लिए 24 द्वितीय वरीयता वोट बचेंगे. बीजेपी के पास 28 वोट होंगे, इसलिए वह चौथी सीट जीतने की स्थिति में है.

पीडीपी, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस और निर्दलीय विधायकों का चुनावों में खास असर नहीं दिखेगा क्योंकि वे एनसी और बीजेपी दोनों के विरोध में रहते हैं. क्रॉस-वोटिंग की संभावना भी बनी हुई है.

कौन-कौन टिकट के दावेदार?

नेशनल कॉन्फ्रेंस के सूत्रों ने बताया कि डॉ. फारूक अब्दुल्ला और सज्जाद किचलू पार्टी टिकट की दौड़ में सबसे आगे हैं. कांग्रेस भी गठबंधन के हिस्से के तौर पर एक सीट चाहती है. पार्टी जम्मू क्षेत्र से किसी उम्मीदवार को उतार सकती है या फिर दक्षिण कश्मीर से किसी मौजूदा विधायक को राज्यसभा भेज सकती है.

अगर एनसी चौथी सीट पर भी उम्मीदवार उतारने का फैसला करती है, तो वह दक्षिण कश्मीर से किसी युवा चेहरे को उतार सकती है, ताकि वहां अपनी पकड़ बनाए रखे, जहां उसने पिछले चुनाव में 16 में से 10 सीटें जीती थीं.

बीजेपी अपनी रणनीति आखिरी समय तक गुप्त रख सकती है. पार्टी किसी पूर्व विधायक या नए चेहरे को उतार सकती है. चेनाब घाटी में बीजेपी की जीत में अहम भूमिका निभाने वाले सुनील कुमार शर्मा पार्टी की चुनावी रणनीति बनाने में प्रमुख भूमिका निभाएंगे.

2021 से खाली है सीटें जम्मू-कश्मीर से राज्यसभा की चार सीट के लिए द्विवार्षिक चुनाव 24 अक्टूबर को होंगे. ये सीट 2021 से खाली हैं. जम्मू-कश्मीर की चार सीट के लिए राज्यसभा चुनाव केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने के लगभग एक साल बाद हो रहे हैं. विधायक अपने-अपने राज्यों के राज्यसभा सदस्यों का चुनाव करते हैं.

पंद्रह फरवरी, 2021 से केंद्र शासित प्रदेश का संसद के ऊपरी सदन में प्रतिनिधित्व नहीं है, जिस दिन गुलाम नबी आजाद और नजीर अहमद लावे ने अपना कार्यकाल पूरा किया था. दो अन्य सदस्यों, फैयाज अहमद मीर और शमशेर सिंह मन्हास ने उसी साल 10 फरवरी को अपना कार्यकाल पूरा कर लिया था.

कार्यक्रम की घोषणा करते हुए, निर्वाचन आयोग ने कहा कि पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य को जम्मू-कश्मीर (विधानसभा सहित) और लद्दाख (विधानसभा रहित) केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया गया है. जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के अनुसार, मौजूदा जम्मू और कश्मीर राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाले राज्यसभा के चार वर्तमान सदस्यों को जम्मू और कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र को आवंटित सीटों को भरने के लिए निर्वाचित माना जाएगा.

सभी चार सीट मौजूदा सदस्यों के कार्यकाल की समाप्ति के बाद से रिक्त पड़ी थीं, क्योंकि रिक्तियों के समय चुनाव कराने के लिए आवश्यक निर्वाचक मंडल उपलब्ध नहीं था. आयोग ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की राज्य विधानसभा के गठन के बाद, द्विवार्षिक चुनाव कराने के लिए एक निर्वाचक मंडल की आवश्यकता है. मतगणना 24 अक्टूबर की शाम को मतदान समाप्त होने के एक घंटे बाद होगी.