आज, 05 अक्टूबर 2025 को विश्व शिक्षक दिवस मनाया जा रहा है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की बढ़ती पैठ ने दुनिया के लगभग हर क्षेत्र को प्रभावित किया है. शिक्षण क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं है. एआई अब केवल असिस्टेंट डिवाइस नहीं है, बल्कि शिक्षा की पूरी प्रक्रिया को बदलने की क्षमता रखता है. पर्सनलाइज्ड लर्निंग प्लेटफॉर्म, ऑटोमेटेड ग्रेडिंग सिस्टम और इंटेलिजेंट ट्यूटरिंग सॉफ्टवेयर जैसे एआई-ऑपरेटेड डिवाइसेस शिक्षकों की पारंपरिक भूमिका को फिर से परिभाषित कर रहे हैं.
टेक्नोलॉजी एक ही क्लास में बैठे हर स्टूडेंट को उसकी सीखने की स्पीड और स्टाइल के आधार पर Adapted कॉन्टेंट और प्रैक्टिस सेशन प्रदान कर सकती है. AI असाइनमेंट चेक करने, अटेंडेंस लेने जैसे कामों को ऑटोमैटिक करके शिक्षकों का समय बचाएगा. वहीं शिक्षा को स्टूडेंट सेंट्रिक भी बनाएगा. एआई के जरिए फैक्चुअल इन्फॉर्मेशन तक पहुंच आसान हो गई है. इसलिए अब शिक्षकों को ‘ज्ञान का भंडार’ नहीं माना जाएगा. विश्व शिक्षक दिवस पर समझिए एआई और एजुकेशन का तालमेल.
AI Impact on Education: एआई बदल देगा शिक्षकों की भूमिका
बदलते दौर में शिक्षकों को सुविधा देने वाले (Facilitators), गाइड और मेंटर की भूमिका में आना होगा. क्लास का वातावरण अब तथ्यों को याद करने के बजाय क्रिटिकल थिंकिंग, प्रॉब्लम सॉल्विंग और क्रिएटिविटी विकसित करने पर फोकस्ड होगा. यह बदलाव शिक्षकों से हाई लेवल स्किल्स और नई मानसिकता की डिमांड करता है. उन्हें समझना होगा कि AI शिक्षा को रिप्लेस नहीं करेगा, बल्कि उसे बेहतर करेगा. अब शिक्षकों को वो काम करने होंगे, जो मशीन चाहकर भी नहीं कर सकती.
एआई टूल्स के कारण शिक्षण क्षेत्र में कई बदलाव देखने को मिलेंगे. जानिए 3 प्रमुख बदलाव:
1. शिक्षण और मूल्यांकन का निजीकरण (Personalization of Learning)
AI हर स्टूडेंट का डेटा एनालाइज करके उसकी सीखने की कमियों और मजबूतियों को पहचान लेगा. इससे शिक्षक एक ही कोर्स/सिलेबस को पर्सनाइज कर सकेंगे. मूल्यांकन ज्यादा डायग्नॉस्टिक हो जाएगा. इसमें एआई तुरंत फीडबैक देगा. फिर शिक्षक उसी फीडबैक का इस्तेमाल करके सीखने का अनुभव बेहतर बनाएंगे.
2. कम होगा प्रशासनिक बोझ (Reduction in Administrative Load)
AI-संचालित सॉफ्टवेयर ग्रेडिंग, अटेंडेंस रिकॉर्डिंग और प्रोग्रेस रिपोर्ट तैयार करने जैसे समय लेने वाले काम ऑटोमैटिक कर देंगे. इससे शिक्षकों को स्टूडेंट्स के साथ पर्सनली जुड़ने, क्लास एक्टिविटीज को डिजाइन करने और नए टीचिंग मेथड्स पर फोकस करने के लिए ज्यादा समय मिलेगा.
3. शुरू होंगे नए विषय
एआई और डेटा साइंस से संबंधित विषयों को पाठ्यक्रम में शामिल करने की जरूरत बढ़ जाएगी. शिक्षकों को इन उभरते हुए क्षेत्रों को पढ़ाने और स्टूडेंट्स को इन टेक्नोलॉजीस का नैतिक और प्रभावी ढंग से इस्तेमाल करने के लिए तैयार करने की जरूरत होगी.
AI Skills for Teachers: एआई के दौर में टीचर्स के लिए जरूरी स्किल्स
एआई के दौर में सफल होने के लिए शिक्षकों को पारंपरिक शिक्षण कौशल के साथ ही नीचे लिखी 4 अनिवार्य स्किल्स भी डेवलप करनी होंगी:
1. AI लिटरेसी और कोलैबोरेटिव स्किल
शिक्षकों को एआई डिवाइसेस को समझने, उनका प्रभावी ढंग से इस्तेमाल करने और उन्हें अपने कोर्स में इंटीग्रेट करने की क्षमता विकसित करनी होगी. उन्हें AI को सहयोगी (Co-pilot) के रूप में देखना होगा, न कि रिप्लेसमेंट के रूप में. उन्हें जानना होगा कि कौन से काम AI के लिए उपयुक्त हैं और कौन से उनके लिए.
2. हायर ऑर्डर थिंकिंग स्किल्स
एआई फैक्ट्स प्रदान कर सकता है. इसलिए शिक्षकों को छात्रों को एनालिटिकल स्किल्स, क्रिटिकल रीजनिंग और कॉम्प्लेक्स प्रॉब्लम सॉल्विंग सिखाने पर फोकस करना होगा. उन्हें ऐसे प्रश्न पूछने होंगे, जिनके जवाब AI से आसानी से न मिल सकें. इससे स्टूडेंट्स को गहराई से सोचने के लिए प्रेरित किया जा सकेगा.
3. इमोशनल एंड सोशल इंटेलिजेंस
AI इमोशनल सपोर्ट या ह्यूमन गाइडेंस प्रदान नहीं कर सकता है. शिक्षकों की भूमिका छात्रों के Socio-Emotional Well-being के लिए जरूरी होगी. सिंपेथी, कम्युनिकेशन और Conflict resolution जैसी ह्यूमन स्किल्स AI के दौर में शिक्षकों के लिए जरूरी होंगी.
4. क्रिएटिविटी और कोर्स डिजाइन
शिक्षकों को AI-जनरेटेड कॉन्टेंट का इस्तेमाल करके नए और आकर्षक चैप्टर्स डिजाइन करने में सक्षम होना चाहिए. उन्हें फ्लेक्सिबल हाइब्रिड लर्निंग मॉडल बनाने की जरूरत होगी, जिनमें ऑनलाइन (AI-असिस्टेड) और ऑफलाइन (शिक्षक-नेतृत्व वाले) शिक्षण को कंबाइन किया जा सके.