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1816 करोड़ रुपये, 22 बड़े नाले…. छठ से पहले रेखा सरकार की स्वच्छ यमुना के लिए नई पहल, दिल्ली के सीवरेज नेटवर्क में होगा बड़ा सुधार

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राजधानी दिल्ली में यमुना नदी की स्वच्छता और पुनर्जीवन के लिए गुरुवार से नई पहल शुरू हो रही है. केंद्रीय सरकार के सहयोग से कुल 1816 करोड़ रुपये की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं का शुभारंभ किया जा रहा है. इन परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 9 अक्टूबर को करेंगे. यह प्रयास दिल्लीवासियों के लिए स्वच्छ और प्रदूषणमुक्त यमुना सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है. यह कदम छठ पूजा से पहले उठाया जा रहा है.

परियोजनाओं में सबसे महत्वपूर्ण पहल सीवर नेटवर्क का व्यापक विस्तार और पुराने नेटवर्क का नवीनीकरण है. इसके तहत बूस्टर पंपिंग स्टेशन लगाए जाएंगे, जो सीवरेज के सही संचालन और जल निकासी में सुधार लाएंगे. दिल्ली के 22 प्रमुख नालों पर नए आधुनिक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) बनाए जा रहे हैं, ताकि गंदा पानी सीधे नदी में न जाए.

क्या है दिल्ली सरकार का प्लान?

इन नए प्लांटों में न केवल अशुद्ध पानी को शुद्ध किया जाएगा, बल्कि इसे पुन: उपयोग में लाने की सुविधा भी उपलब्ध होगी. साथ ही, शुद्ध जल से बिजली उत्पादन की व्यवस्था भी की जा रही है, जिससे परियोजना की ऊर्जा लागत कम होगी और स्थिरता बढ़ेगी. विशेषज्ञों के अनुसार, इन परियोजनाओं के लागू होने के बाद यमुना में गिरने वाले अशोधित सीवेज की मात्रा 80% तक कम हो सकती है.
इस अभियान का उद्देश्य केवल नदी की स्वच्छता ही नहीं, बल्कि जल गुणवत्ता में ऐतिहासिक सुधार लाना और पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखना भी है. यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘निर्मल नदियां, समृद्ध भारत’ विजन के अनुरूप है, जिसमें नदियों को प्रदूषणमुक्त कर देश की समृद्धि और स्वास्थ्य सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया है.

मुख्यमंत्री ने जनता से की क्या अपील

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने जनता से अपील की है कि हर नागरिक यमुना की स्वच्छता में अपनी भूमिका निभाए. उन्होंने कहा कि सरकार के प्रयासों के साथ-साथ जनता की सक्रिय भागीदारी ही यमुना को पुनर्जीवित करने और उसे स्वच्छ रखने में निर्णायक साबित होगी. विशेषज्ञों का मानना है कि सीवेज नेटवर्क के सुधार और STP के निर्माण से दिल्ली का जल प्रबंधन सिस्टम पहले से कहीं अधिक मजबूत होगा. यह परियोजना न केवल यमुना को प्रदूषणमुक्त बनाएगी, बल्कि शहरी जल संरक्षण और पुन: उपयोग में भी अहम योगदान देगी.

कितने करोड़ रुपये की है ये परियोजना

1816 करोड़ रुपये की इन परियोजनाओं के माध्यम से दिल्ली को स्वच्छ यमुना का तोहफा मिलेगा और यह न केवल पर्यावरणीय सुधार की दिशा में बल्कि स्वास्थ्य, ऊर्जा और जल प्रबंधन के क्षेत्र में भी एक ऐतिहासिक कदम होगा. इस पहल से न केवल नदी की बहाली संभव होगी, बल्कि आने वाले वर्षों में दिल्लीवासियों के लिए स्वच्छ जल और बेहतर पर्यावरण की उम्मीद भी मजबूत होगी. स्वच्छ यमुना की यह पहल दिखाती है कि सरकार और जनता के संयुक्त प्रयासों से बड़ी चुनौतियों का समाधान संभव है. जल संरक्षण, नालों के सुधार और नदी की स्वच्छता के जरिए दिल्ली एक मॉडल शहर बन सकता है, जहां प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण और सतत विकास प्राथमिकता हो.

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