भारतीय रेल ना केवल देश को जोड़ती है, बल्कि कला- संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन का भी काम करती है. इसकी बानगी रांची रेलमंडल में देखी जा सकती है. यहां स्टेशन परिसर और रेलवे कार्यालयों को सुन्दर बनाने के लिए लोककलाओं का इस्तेमाल किया जा रहा है. रेलवे की इस पहल से एक ओर जहां स्थानीय कला संस्कृति को फलने- फूलने का मौका मिल रहा है, वहीं दूसरी ओर लोक कलाकारों को अपनी कला का प्रदर्शन करने के लिए बड़ा मंच मिल रहा है.
रेलवे की दीवारों पर लोककलाएं
रांची रेलमंडल ने अपने इस पहल के तहत नवनिर्मित रामगढ़ स्टेशन को विश्व प्रसिद्द शक्तिपीठ रजरप्पा मंदिर का लूक दिया है. रांची स्टेशन, हटिया स्टेशन समेत रेलवे के तमाम कार्यालयों के परिसरों की दीवारों पर लोकचित्रकला उकेरे जा रहे हैं. रांची रेलमंडल के सीपीआरओ नीरज कुमार ने कहा कि रेलवे का यह प्रयास स्थानीय कलाकारों को मौका देना है. साथ ही रेलवे स्टेशन और कार्यालयों की सुंदरता बढ़ाने का भी है.
स्थानीय कलाकारों को मिल रहा बड़ा मंच
रेलवे की इस अनूठी पहल ने स्थानीय कलाकारों को एक मंच प्रदान किया है. इसके जरिये वे अपनी कला का प्रदर्शन कर पा रहे हैं. दीवारों पर आदिवासी संस्कृति को सोहराई के माध्यम से उकेर जा रहे हैं. मिथिला और मधुबनी पेंटिंग्स सोहराई कला की सुंदरता को और बढ़ा रही हैं. लोक कलाकार रीतू बागे की माने तो उन जैसे कलाकारों को रेलवे की इस पहल से अपनी कला को प्रदर्शित करने का बेहतर मौका मिला है. साथ ही उन्हें अच्छी कमाई भी हो रही है.