दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने ग्राहक बनाने आदि के लिए बार-बार आने वाली अनचाही फोन कॉल पर शिकंजा कसने जा रही है। इसके तहत 50 उल्लंघनों के बाद ऐसी कॉल करने वाले पर हर कॉल, एसएमएस पर 10,000 रुपए का जुर्माना लगाने का प्रस्ताव दिया है। एक आधिकारिक स्रोत ने यह जानकारी दी।
डीओटी ने जुर्माने के स्लैब को घटाते हुए नियमों को और कठोर करने का प्रस्ताव दिया है। प्रस्ताव के तहत शून्य से 10 उल्लंघनों के लिए प्रति उल्लंघन 1,000 रुपए, 10 से 50 उल्लंघनों के लिए प्रति उल्लंघन 5,000 रुपए और 50 से ज्यादा बार उल्लंघन करने पर प्रति उल्लंघन 10,000 रुपए का जुर्माना लगाने का प्रावधान है। फोन पर वाणिज्यिक संचार में ग्राहक अधिमान नियमावली (टीसीसीसीपीआर) 2018 के तहत जुर्माने के स्लैब शून्य से 100, 100 से 1,000 और 1,000 उल्लंघन के रखे गए हैं।
कैसे होगी उल्लघनों की जांंच
इसके अलावा डीओटी की डिजिटल खुफिया इकाई (डीआईयू) उपकरण के स्तर पर भी उल्लंघनों की जांच करेगी। डीआईयू सत्यापन के लिए संदिग्ध फोन नंबरों पर सिस्टम जेनरेटेड मैसेज भेजेगी। स्रोत ने कहा, “पुनर्सत्यापन की स्थिति में सभी नंबर डिस्कनेक्ट कर दिए जाएंगे और उनसे जुड़े आईएमईआई को संदिग्ध सूची में डाल दिया जाएगा। संदिग्ध सूची में शामिल आईएमईआई के लिए 30 दिन की अवधि की खातिर किसी भी कॉल, एसएमएस या डेटा (इंटरनेट) की मंजूरी नहीं होगी।” संदिग्ध सूची में दर्ज आईएमईआई नंबर वाले उपकरण का उपयोग करके नए कनेक्शन से परेशान करने वाले कॉलर द्वारा किए जाने वाले किसी भी कॉल, एसएमएस या डेटा का पुन: सत्यापन करने के लिए कहा जाएगा।
लग सकती है 2 साल की रोक
अगर इसके बाद परेशान करने वाला कॉलर उपकरण को बदल देता है, तो नए डिवाइस का आईएमईआई नंबर भी सिस्टम द्वारा संदिग्ध सूची में तब तक रखा जाएगा जब तक कि पुन: सत्यापन पूरा नहीं हो जाता। अगर पुन: सत्यापन के बाद परेशान करने वाले कॉलर का नंबर सक्रिय हो जाता है और फिर से मानदंडों का उल्लंघन करता पाया जाता है, तो नए कनेक्शन का उपयोग छह महीने के लिए प्रति दिन 20 कॉल और 20 एसएमएस तक सीमित कर दिया जाएगा। स्रोत ने कहा, “अगर इसके बाद उल्लंघन जारी रहता है, तो दूरसंचार कनेक्शन खरीदने के लिए उपयोग किए जाने वाले पहचान और पते के प्रमाण पर दो साल की अवधि के लिए रोक लगा दिया जाएगी।