वाशिंगटन, नौ जुलाई अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने घोषणा की है कि अफगानिस्तान में करीब बीस साल से जारी अमेरिका का सैन्य अभियान 31 अगस्त को समाप्त हो जाएगा। उन्होंने कहा कि युद्धग्रस्त देश में अमेरिका ‘राष्ट्र निर्माण’ के लिए नहीं गया था।
अमेरिका के सबसे लंबे समय तक चले युद्ध से अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने के अपने निर्णय का बचाव करते हुए बाइडन ने कहा कि अमेरिका के चाहे कितने भी सैनिक अफगानिस्तान में लगातार मौजूद रहें लेकिन वहां की दुसाध्य समस्याओं का समाधान नहीं निकाला जा सकेगा।
बाइडन ने बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय सुरक्षा दल के साथ बैठक के बाद अफगानिस्तान पर अपने प्रमुख नीति संबोधन में कहा कि अमेरिका ने देश में अपने लक्ष्य पूरे कर लिए हैं और सैनिकों की वापसी के लिए यह समय उचित है।
बाइडन ने व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा, ”अफगानिस्तान में हमारा सैन्य मिशन 31 अगस्त को पूरा हो जाएगा। सैनिकों की वापसी का काम सुरक्षित और व्यवस्थित तरीके से हो रहा है जिसमें वापस लौट रहे हमारे सैनिकों की सुरक्षा सर्वप्रथम है।”
उल्लेखनीय है कि युद्ध का केंद्र रहे बगराम एयरबेस भी अमेरिकी सैनिकों ने छोड़ दिया है।
उन्होंने कहा, ”हम अफगानिस्तान में राष्ट्र निर्माण के लिए नहीं गए थे। अपने भविष्य के बारे में फैसला करने का और देश को किस तरह चलाना है, यह अधिकार और जिम्मेदारी सिर्फ अफगान लोगों की है।”
अमेरिका में 11 सितंबर 2001 को हुए आतंकवादी हमले के बाद, अमेरिकी बलों ने करीब बीस साल तक अफगानिस्तान में युद्ध लड़ा।
बाइडन ने कहा कि इन बीस साल में एक हजार अरब डॉलर खर्च हुए, 2,448 अमेरिकी सैनिक मारे गए और 20,722 घायल हुए। उन्होंने कहा कि दो दशक पहले, अफगानिस्तान से अल-कायदा के आतंकवादियों के हमले के बाद जो नीति तय हुई थी अमेरिका उसी से बंधा हुआ नहीं रह सकता है।
राष्ट्रपति ने कहा कि ”बिना किसी तर्कसम्मत उम्मीद के किसी और नतीजे को प्राप्त करने के लिए अमेरिकी लोगों की एक और पीढ़ी को अफगानिस्तान में युद्ध लड़ने नहीं भेजा जा सकता।”
मंगलवार को अमेरिकी सेना ने घोषणा की थी कि सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया 90 फीसदी से अधिक पूरी हो चुकी है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने इन खबरों को खारिज कर दिया कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के तुरंत बाद तालिबान देश पर कब्जा कर लेगा। उन्होंने कहा, ”अफगान सरकार और नेतृत्व को साथ आना होगा। उनके पास सरकार बनाने की क्षमता है।”
उन्होंने कहा, ”इस बात का प्रश्न ही नहीं है कि उनमें क्षमता है या नहीं। उनमें क्षमता है। उनके पास बल हैं। उनके पास साधन हैं। सवाल यह है कि क्या वे ऐसा करेंगे।”
बाइडन ने कहा कि अफगानिस्तान में अमेरिकी सैन्य मिशन अगस्त तक जारी रहेगा। उन्होंने कहा, ”अमेरिका ने वही किया जिसके लिए हम अफगानिस्तान गए थे। हमें 9/11 पर हमला करने वाले आतंकवादियों की धरपकड़ करनी थी और ओसामा बिन लादेन को सजा देनी थी। हमें अफगानिस्तान को आतंकवादियों का अड्डा बनाने की उनकी धमकी को गलत साबित करना था।”
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि उनके देश ने इन उद्देश्यों को हासिल कर लिया है। उन्होंने कहा, ”इसलिए हम गए थे। हम राष्ट्र-निर्माण के लिए अफगानिस्तान नहीं गए थे। अफगानिस्तान की जनता का भविष्य तय करने की जिम्मेदारी और अधिकार केवल उनके पास है। उन्हें तय करना है कि वे देश को कैसे चलाना चाहते हैं।”
बाइडन ने कहा कि जब उन्होंने अफगानिस्तान में अमेरिकी सैना की मौजूदगी को खत्म करने का फैसला लिया तो इसके पीछे उनका मानना था कि इस युद्ध को अनिश्चितकाल तक जारी रखना अमेरिका के राष्ट्रीय हित में नहीं है।