दुनिया की सबसे संक्रामक किलर डिजीज में से एक टीबी (Tuberculosis) को लेकर एक चौंकाने वाली बात सामने आई है. आमतौर पर खांसने से फैलने वाला फेंफड़ों का ये संक्रमण, अब सांस लेने से भी फैल सकता है. दैनिक जागरण अखबार में छपी न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक साउथ अफ्रीका के रिसर्चर्स का कहना है कि, ‘खांसने से ही नहीं, बल्कि सांसों से भी टीबी का संक्रमण फैल सकता है.’ अखबार ने ये रिपोर्ट न्यूयॉर्क टाइम्स के हवाले से छापी है. बता दें कि अब तक खांसने को ही टीबी के फैलने का सबसे बड़ा जरिया माना जाता रहा है. रिसर्च में पाया गया कि टीबी के 90 प्रतिशत बैक्टीरिया सांस के दौरान निकलने वाले एयरोसोल (Aerosol) या छोटे ड्रापलेट (small droplets) से फैल सकते हैं.
बता दें कि कोरोनावायरस के फैलने को लेकर भी इस तरह की रिसर्च सामने आ चुकी है. संक्रमण फैलने का यह तरीका ही जेल एवं ऐसी ही अन्य बंद जगहों पर महामारी के तेज प्रसार का कारण बना था.
रिसर्च में ये भी सामने आया है कि खांसी के दौरान निकले ड्रापलेट की तुलना में सांसों से निकले एयरोसोल (Aerosol) ज्यादा समय तक हवा में रह सकते हैं और ज्यादा दूर तक जा सकते हैं. इन नतीजों को देखते हुए साइंटिस्टों ने टीबी की जांच और इससे निपटने के लिए भी कोरोना की तर्ज पर अभियान चलाने को कहा है.
बंद जगहों पर संक्रमण का ज्यादा खतरा
यूनिवर्सिटी आफ केपटाउन (University of Cape Town) के रयान डिंकेल (Ryan Dinkel) ने रिसर्च के नतीजों को समझाते हुए कहा, ‘इस बात में कोई संदेह नहीं कि खांसते समय ज्यादा बैक्टीरिया बाहर आते हैं, लेकिन सांसों से संक्रमण फैलने की गंभीरता को एक उदाहरण से समझ सकते हैं. यदि कोई संक्रमित व्यक्ति दिनभर में 22,000 बार सांस लेता है और करीब 500 बार खांसता है. ऐसे में कुल बैक्टीरिया की तुलना में खांसने से मात्र 7 प्रतिशत बैक्टीरिया ही फैलेंगे. इसलिए किसी बस या स्कूल के कमरे में, जहां लोग साथ में लंबा वक्त बिताते हैं, वहां सांसों से बहुत ज्यादा संक्रमण फैल सकता है.’