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MP में 6 दिसंबर के बाद हो सकते हैं पंचायत चुनाव: वोटर लिस्ट में बदलाव आज से शुरू, ये है तैयारी

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मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव (Panchayat Chunav) का ऐलान 6 दिसंबर के बाद कभी भी हो सकता है. इसे देखते हुए राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायतों की वोटर लिस्ट को फिर से अपडेट करने के कवायद शुरू कर दी है. पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज (संशोधन) अध्यादेश से प्रभावित हुईं पंचायतों में ये वोटल लिस्ट अपडेट की जाएंगी. 6 दिसंबर को फाइनल वोटर लिस्ट सामने आ जाएगी. जानकारी के मुताबिक, गुरुवार से वोटर लिस्ट अपडेट होना शुरू हो जाएगी. राज्य निर्वाचन आयोग ने इसकी तैयारी पूरी कर ली है. रजिस्ट्रीकरण अधिकारी 26 नवंबर तक उन मतदाताओं की पहचान कर लेंगे, जिनके नाम दूसरे मतदान केंद्रों की सूची में दर्ज होने हैं.

राज्य निर्वाचन आयोग फोटोयुक्त वोटर लिस्ट के प्रारूप का प्रकाशन करेगा. ये प्रारूप ग्राम पंचायत और अन्य स्थानों पर 29 नवंबर को किया जाएगा. इसके बाद 3 दिसंबर तक आपत्तियां मंगाई जाएंगी. 4 दिसंबर को सभी आपत्तियों का निराकरण किया जाएगा. वोटर लिस्ट का अंतिम प्रकाशन 6 दिसंबर को कर दिया जाएगा. इस बीच पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग आयोग को 2014 की स्थिति में आरक्षण सहित अन्य जानकारियां देगा. इसके आधार पर आयोग निर्वाचन कार्यक्रम तैयार करेगा.

2019 के पहले का परिसीमन ही लागू

गौरतलब है कि कैबिनेट ने पंचायत राज संशोधन संबंधित अध्यादेश 2021 का अनुसमर्थन पहले ही कर दिया है. गृह मंत्री नरोत्त्म मिश्रा भी कह चुके हैं कि पंचायतों के चुनाव 2019 से पहले के परिसीमन के अनुसार ही होंगे. इसके साथ ही 2014 में हुए पदों का माना जाएगा. सरकार ने ऐसी पंचायतों के परिसीमन को निरस्त कर दिया है, जहां बीते एक साल से चुनाव नहीं हुए. ऐसी सभी जिला, जनपद या ग्राम पंचायतों में वही व्यवस्था रहेगी, जो पहले थी. जो पद, जिस वर्ग के लिए आरक्षित किया गया है, वह उसी स्थिति में रहेगा.

विधानसभा का शीतकालीन सत्र 20 दिसंबर से

मध्य प्रदेश विधान सभा का आगामी शीतकालीन सत्र 20 दिसम्‍बर से शुरू होगा. पन्‍द्रहवीं विधानसभा के शीतकालीन सत्र के लिए मंगलवार को अधिसूचना जारी कर दी गई. सत्र सोमवार 20 दिसम्‍बर 2021 से शुरू होकर शुक्रवार 24 दिसम्‍बर 2021 तक चलेगा. इस पांच दिन के सत्र में सदन की कुल 5 बैठकें होंगी. इसमें महत्‍वपूर्ण सरकारी विधि और वित्‍तीय काम किये जाएंगे. मध्य प्रदेश की पन्‍द्रहवीं विधान सभा का यह दसवां सत्र होगा. विधान सभा के प्रमुख सचिव ए.पी.सिंह के मुताबिक सत्र 5 दिन चलेगा. विधानसभा में विधायकों के प्रश्नों के सवाल-जवाब के अलावा कई अहम मुद्दों पर चर्चा की संभावना है. सरकार के प्रवक्ता और गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा पहले ही यह कह चुके हैं कि इंदौर और भोपाल में लागू की जा रही कमिश्नर प्रणाली पर इस सत्र में चर्चा की जाएगी. दूसरी तरफ यह माना जा रहा है कि कांग्रेस खाद समस्या और महंगाई के मुद्दे पर सरकार को घेरने की रणनीति अपनाएगी.