धरती पर तापमान में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. गर्मी दिन पर दिन विकराल रूप लेती जा रही है. एक नए रिसर्च के मुताबिक, दुनियाभर के 65 देशों में पृथ्वी की 13 प्रतिशत सतह पर अगस्त महीने में रिकॉर्ड अधिकतम तापमान दर्ज किया गया है.
वहीं, बाकी देशों में थोड़ी राहत रही फिर भी साल 1951 से 1980 के औसत के मुकाबले इस साल अगस्त के महीने में काफी अधिक तापमान दर्ज किया गया.
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका स्थित एक स्वतंत्र गैर-लाभकारी संगठन की ओर से किए गए विश्लेषण में दावा किया गया है कि 1880 में जब से तापमान के रिकॉर्ड को रखने की शुरुआत हुई है तब से लेकर अभी तक पिछला महीना अब तक का सबसे गर्म अगस्त का महीना रहा है. विश्लेषण में दावा किया गया है कि अगस्त में भारत के कुछ हिस्सों में भी तापमान में बेतहाशा बढ़ोतरी देखने को मिली थी.
इन देशों में भी अगस्त में जमकर पड़ी गर्मी
इसके अलावा जापान, उत्तरी अटलांटिक, उत्तरी दक्षिण अमेरिका, मध्य अमेरिका और अफ्रीका के कुछ हिस्सों में भी अगस्त के महीने में काफी गर्मी महसूस की गई. अमेरिका की सरकारी एजेंसी नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन ने गुरुवार को कहा कि 174 साल के जलवायु रिकॉर्ड में इस साल अगस्त का महीना सबसे गर्म महसूस किया गया.
सात साल में 0.31 डिग्री सेल्सियस बढ़ा तापमान
विश्लेषण के मुताबिक, अगस्त 2016 की तुलना में अगस्त 2023 ज्यादा गर्म महसूस किया गया और इस दौरान 0.31 डिग्री सेल्सियस का अंतर महसूस किया गया जो कि हैरान करने वाला है. वहीं, धरती के बाकी 87 फीसदी हिस्सों में 1951 से 1980 के बीच औसत तापमान के मुकाबले ज्यादा गर्मी देखने को मिली है. रिसर्च में बताया गया है कि अगस्त महीने में वैश्विक औसत तापमान 1850 से 1900 के औसत तापमान से 1.68 डिग्री सेल्सियस अधिक था.
बता दें कि तापमान में बढ़ोतरी को दुनिया के लिए बड़ा खतरा माना जा रहा है. तापमान बढ़ने की वजह से हिमालय समेत अन्य बर्फ के पहाड़ तेजी से पिघल रहे हैं. अगर यह सिलसिला चलता रहा तो आगे चलकर समुद्र के जलस्तर में भी बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है.