Summer solstice 2024: साल का सबसे लंबा दिन 21 जून, आइये जानते हैं इसका कारण!
एक दिन 24 घंटे का होता है, जिसमें 12 घंटे रात और 12 घंटे दिन होती है. लेकिन जून महीने की 21 तारीख को दिन 12 नहीं बल्कि 13 या फिर 14 घंटे का होता है और इसे साल का सबसे लंबा दिन कहा जाता है.
आइये जानते हैं इसका कारण
दरअसल 21 जून के साल का सबसे लंबा दिन होने का कारण है सोल्स्टिस (अयनांत), जोकि एक खगोलीय घटना है. लेकिन सोल्स्टिक से पहले धरती के हेमिस्फीयर को समझना जरूरी है.
पृथ्वी के बीच में खींची गई काल्पनिक रेखा को दो भागों में बांटा गया है, जिसे इक्वेटर कहा जाता है. इस रेखा के ऊपरी भाग को उत्तरी गोलार्ध और नीचे वाले भाग को दक्षिणी गोलार्ध कहते हैं. भारत, ऊपर वाले हिस्से यानी नॉर्थ हेमिस्फीयर में है.
सूर्य की परिक्रमा करते हुए या चक्कर लगाते हुए जब धरती अपने एक्सिस पर 23.44° पर झुका होता है, तब मौसम में बदलाव होता है. 21 जून को ग्रीष्म संक्रांति के दौरान भी उत्तरी गोलार्ध सूर्य की ओर अधिक झुका होता है. इसलिए आम दिनों की तुलना में इस दिन सूर्य की रोशनी अधिक पड़ती है.
वहीं सूर्य सबसे ऊंचे और लंबे रास्ते पर चलता है, जिस कारण दिन की अवधि भी बढ़ जाती है. सूर्य के आसमान में इतनी लंबी अवधि तक रहने के कारण इसे सोल्स्टिस (अयनांत) का नाम दिया गया है.
नॉर्थ हेमिस्फीयर में सूर्य आकाश में सबसे ऊंचा और लंबे समय तक रहता है, जिस कारण सूर्य की किरणें पृथ्वी पर अधिक समय तक पड़ती है, जिससे मौसम गर्म रहता है. इसलिए इसे ग्रीष्म संक्रांति कहा जाता है.
खगोलीय के साथ ही धार्मिक दृष्टिकोण से भी 21 जून के दिन का महत्व बढ़ जाता है. क्योंकि हिंदू धर्म में सूर्य को देवता मानकर पूजा जाता है. ऐसे में आज के दिन पृथ्वी का अक्षीय झुकाव सूर्य की ओर अधिक होने से दिन की अवधि बढ़ जाती है. मान्यता है कि आज सूर्य देव की पूजा-अराधना करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है.