President Election 2025: एनडीए (NDA) उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए जल्द ही अपना उम्मीदवार घोषित कर सकता है। सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा स्तर पर फाइनल चर्चा शुरू हो चुकी है और 12 से 13 अगस्त के बीच नाम का ऐलान संभव है।
उम्मीद है कि मंगलवार (12 अगस्त) तक कम से कम सिद्धांत रूप में सहमति बन जाएगी। सूत्रों का कहना है कि बीजेपी इस बार ऐसे उम्मीदवार को चुन सकती है जो पूरी राजनीतिक पारी में गैर-विवादित रहा हो और जिसके पास संसदीय कार्यों का व्यापक अनुभव हो। एक बीजेपी राज्यसभा सांसद ने कहा, “उपराष्ट्रपति जैसे संवैधानिक पद के लिए ऐसे व्यक्ति की जरूरत है जिसे संसदीय प्रक्रिया और नियमों की गहरी समझ हो, ताकि राज्यसभा का संचालन कुशलता से किया जा सके।
कौन होगा अगला उपराष्ट्रपति? रेस में इस नेता का नाम सबसे आगे, जल्द होगा बड़ा ऐलान
चर्चा में कई नाम, पीएम मोदी दे सकते हैं ‘सरप्राइज’ मौजूदा समय में गुजरात, कर्नाटक, सिक्किम, जम्मू-कश्मीर जैसे राज्यों के राज्यपालों के नाम चर्चा में हैं। इसके अलावा गोवा के पूर्व राज्यपाल का नाम भी संभावित सूची में है। पार्टी के कुछ नेता मानते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उम्मीदवार चयन में चौंका सकते हैं।
महिला उम्मीदवार पर भी विचार द न्यू इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक सूत्रों ने एक पूर्व बीजेपी महिला सांसद, जो ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) से हैं, भी संभावित उम्मीदवार के रूप में सामने आई हैं। हालांकि, संभावना ज्यादा है कि यह पद किसी मौजूदा या पूर्व राज्यपाल को मिले। लेकिन अगर बीजेपी महिला उम्मीदवार को चुनती है, तो यह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के बाद महिला सशक्तिकरण का एक और बड़ा संदेश होगा।
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महिला उम्मीदवारों की बात करें तो फिलहाल खबरों में राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का ही नाम उछला है।
वसुंधरा राजे ने हाल ही में दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की, जो जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफे के बाद बेहद अहम मानी जा रही है।
धनखड़ के उपराष्ट्रपति बनने से पहले संभावित उम्मीदवारों की सूची में वसुंधरा राजे का नाम भी शामिल था, हालांकि अंतिम निर्णय में धनखड़ को यह जिम्मेदारी दी गई थी। अब उनके इस्तीफे के बाद, राजस्थान में बीजेपी के लिए जाट समुदाय को साधना एक बड़ी चुनौती बन गया है।
दो बार राजस्थान की मुख्यमंत्री रह चुकीं वसुंधरा राजे का प्रदेश की राजनीति में खासा प्रभाव है। पार्टी के भीतर यह राय है कि अगर अगला उपराष्ट्रपति राजस्थान से चुना जाता है, तो इसमें वसुंधरा राजे की सहमति और भूमिका भी अहम होगी।
इस पद की दौड़ में सिक्किम के राज्यपाल और राजस्थान के मूल निवासी ओम माथुर का नाम भी चर्चा में है। हालांकि, वसुंधरा राजे और ओम माथुर के बीच पुरानी राजनीतिक खटास किसी से छिपी नहीं है, जिससे पार्टी के लिए राजे को साधना और भी जरूरी हो जाता है। इसके अलावा, बीजेपी में राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव भी निकट है, और इस पद के लिए भी वसुंधरा राजे का नाम पहले सामने आ चुका है।
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उपराष्ट्रपति उम्मीदवार के लिए अब तक कौन-कौन से नाम चर्चा में सबसे आगे?
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने 6 अगस्त को अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है। ऐसे में कई लोग मानते हैं कि यह उनके लिए उपराष्ट्रपति जैसे अगले बड़े पद की जिम्मेदारी संभालने का सही समय है।
उत्तर प्रदेश से आने वाले बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व रेल राज्य मंत्री रह चुके मनोज सिन्हा ने अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में स्थिरता लाने में अहम भूमिका निभाई, ऐसा उनके समर्थकों का कहना है। हालांकि, उनका कार्यकाल 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले की छाया में समाप्त हुआ, जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई थी।
2. वीके सक्सेना दिल्ली के उपराज्यपाल वीक. सक्सेना को लेकर राजनीतिक गलियारों में इन दिनों बड़े पद की संभावनाओं पर चर्चा तेज है। कयास लगाए जा रहे हैं कि वह उपराष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल नेताओं में से एक हो सकते हैं।
कॉर्पोरेट सेक्टर से राजनीति में आए वीके सक्सेना ने दिल्ली की राजनीति में अहम भूमिका निभाई। माना जाता है कि उन्होंने आम आदमी पार्टी सरकार की कई प्रशासनिक योजनाओं को रोकने में बड़ी भूमिका निभाई-चाहे वह नियुक्तियों से जुड़ा मामला हो या दिल्ली जल बोर्ड की नीतियां। कहा जाता है कि सक्सेना ने पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए एक तरह से बाधा का काम किया, जो जनधारणा की लड़ाई में केजरीवाल के लिए नुकसानदेह साबित हुआ।
3. रामनाथ ठाकुर अगर खबरों पर भरोसा किया जाए तो एनडीए उपराष्ट्रपति पद के लिए पिछड़े या अति पिछड़े वर्ग से उम्मीदवार उतारने पर विचार कर रहा है। कई एनडीए सांसदों ने, नाम न छापने की शर्त पर, पुष्टि की है कि सत्तारूढ़ गठबंधन का रुझान पिछड़े वर्ग से उम्मीदवार चुनने की ओर है। चर्चा में चल रहे नामों में से एक है रामनाथ ठाकुर – जो पूर्व बिहार मुख्यमंत्री और भारत रत्न से सम्मानित कर्पूरी ठाकुर के पुत्र हैं। रामनाथ ठाकुर, जो फिलहाल कृषि राज्य मंत्री हैं, नाई (हजाम) समुदाय से आते हैं, जिसे अति-पिछड़ा वर्ग श्रेणी में रखा जाता है।
4. हरिवंश सिंह उपराष्ट्रपति पद के लिए चर्चा में चल रहे प्रमुख नामों में जेडीयू के राज्यसभा उपसभापति हरिवंश सिंह का नाम भी शामिल है। हरिवंश सिंह 2020 से इस पद पर हैं और उन्हें सरकार का भरोसेमंद सहयोगी माना जाता है।
पीटीआई की एक पुरानी रिपोर्ट के मुताबिक भाजपा राज्यपाल को भी उपराष्ट्रपति बनाने पर विचार कर सकती है – ठीक वैसे ही जैसे जगदीप धनखड़, जो उपराष्ट्रपति बनने से पहले पश्चिम बंगाल के राज्यपाल थे। इसके अलावा, संसद का अनुभव रखने वाले किसी वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री या शीर्ष संगठनात्मक नेता का नाम भी पूरी तरह से खारिज नहीं किया गया है।
5. आचार्य देवव्रत आचार्य देवव्रत वर्तमान में गुजरात के राज्यपाल हैं और इससे पहले हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल के पद पर कार्य कर चुके हैं। वे आर्य समाज से जुड़े रहे हैं और कुरुक्षेत्र स्थित एक गुरुकुल में प्राचार्य के रूप में सेवाएं दे चुके हैं। हिंदी में स्नातकोत्तर डिग्री के साथ उनके पास 30 से अधिक वर्षों का शिक्षण और प्रशासनिक अनुभव है।
6. शेषाद्रि चारी शेषाद्रि चारी का नाम भी उपराष्ट्रपति की रेस में चल रहा है। शेषाद्रि चारी संघ के मुखपत्र ऑर्गेनाइजर के संपादक रह चुके हैं। इन्हें वैचारिक और राजनीतिक संतुलन का महत्वपूर्ण प्रतीक माना जाता है। यह एक अनुभवी राजनीतिज्ञ, पत्रकार, लेखक, रणनीतिकार और विदेश नीति विश्लेषक हैं, साथ ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सक्रिय स्वयंसेवक भी हैं।