“उज्ज्वला लाभार्थियों के लिए खुशखबरी, अब इतनी मिलेगी LPG सब्सिडी!”
केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) के तहत एलपीजी गैस सब्सिडी को लेकर बड़ा फैसला लिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में 14.2 किलो के घरेलू गैस सिलेंडर पर 300 रुपये की सब्सिडी जारी रखने को मंजूरी दे दी गई. यह सुविधा वित्त वर्ष 2025-26 तक उपलब्ध होगी लेकिन साल में अधिकतम 9 बार सिलेंडर भराने पर ही इसका लाभ मिलेगा.
सरकार का अनुमान है कि इस फैसले पर करीब 12,000 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. इसका सीधा फायदा करोड़ों उज्ज्वला लाभार्थियों को मिलेगा, जिनकी जेब पर महंगाई के बीच राहत पहुंचेगी.
क्यों लिया गया यह फैसला? भारत अपनी लगभग 60% एलपीजी जरूरतों के लिए आयात पर निर्भर है. वैश्विक कीमतों में उतार-चढ़ाव से गरीब परिवारों पर असर न पड़े, इसके लिए मई 2022 में सरकार ने हर सिलेंडर पर 200 रुपये की सब्सिडी शुरू की थी. यह साल में अधिकतम 12 बार के रिफिल पर लागू होती थी और 5 किलो के सिलेंडर के लिए भी अनुपातिक रूप से दी जाती थी. अब 200 रुपये की जगह 300 रुपये की सब्सिडी मिलने से उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों के लिए एलपीजी और सस्ती होगी. सरकार का मानना है कि इस कदम से रसोई गैस का लगातार और किफायती उपयोग बढ़ेगा.
एलपीजी खपत में आया सुधार पिछले कुछ वर्षों में उज्ज्वला योजना से जुड़े परिवारों के बीच एलपीजी इस्तेमाल में लगातार बढ़ोतरी हुई है. 2019-20 में प्रति लाभार्थी औसतन 3 बार रिफिल कराया जाता था, जो 2022-23 में बढ़कर 3.68 और 2024-25 में करीब 4.47 हो गया. आंकड़े बताते हैं कि अब अधिक लोग एलपीजी का नियमित उपयोग कर रहे हैं, जिससे धुएं से होने वाली स्वास्थ्य समस्याएं भी कम हुई हैं.
2016 में शुरू हुई थी उज्ज्वला योजना प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की शुरुआत मई 2016 में हुई थी. इसका मकसद गरीब परिवारों, खासकर महिलाओं को बिना किसी अग्रिम जमा राशि के एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध कराना था. 1 जुलाई 2025 तक देशभर में करीब 10.33 करोड़ कनेक्शन दिए जा चुके हैं. इस योजना के तहत लाभार्थियों को सिलेंडर, रेगुलेटर, पाइप, डीजीसीसी पुस्तिका और इंस्टॉलेशन शुल्क पर कोई खर्च नहीं करना पड़ता. उज्ज्वला 2.0 के तहत तो पहला रिफिल और एक चूल्हा भी मुफ्त दिया जाता है. इन सभी खर्चों को सरकार और तेल कंपनियां मिलकर वहन करती हैं, जिससे गरीब परिवार बिना किसी आर्थिक बोझ के रसोई गैस का इस्तेमाल शुरू कर पाते हैं.