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“कौन होगा अगला उपराष्ट्रपति? भाजपा की तरफ इन दो नामों की चर्चा तेज, एक तो बोला जा रहा है प्रबल दावेदार”

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देश में उपराष्ट्रपति पद का चुनाव अब बेहद नजदीक है। 9 सितंबर को वोटिंग होगी और उसी दिन नतीजे भी आ जाएंगे। नामांकन भरने की अंतिम तिथि 21 अगस्त और नाम वापस लेने की आखिरी तारीख 25 अगस्त है।

यह चुनाव इसलिए चर्चा में है क्योंकि जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई की रात अचानक उपराष्ट्रपति के पद से इस्तीफा दे दिया था, जबकि उनका कार्यकाल 10 अगस्त 2027 तक था।

NDA ने साफ कर दिया है कि उम्मीदवार का अंतिम फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा लेंगे। इस बार भाजपा का ही उम्मीदवार बनने की संभावना ज्यादा है। दौड़ में कई नाम हैं, लेकिन दो नेता सबसे आगे बताए जा रहे हैं-थावरचंद गहलोत और ओम माथुर।

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थावरचंद गहलोत: अनुभव और जातीय समीकरण में फिट कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत (77) भाजपा के सीनियर और भरोसेमंद नेताओं में गिने जाते हैं। वे राज्यसभा में सदन के नेता रह चुके हैं और केंद्रीय मंत्री भी रहे हैं। भाजपा की सर्वोच्च नीति निर्धारक इकाई पार्लियामेंट्री बोर्ड के सदस्य रह चुके गहलोत दलित समुदाय से आते हैं और प्रशासनिक अनुभव भी रखते हैं।

थावरचंद गहलोत का राजनीतिक सफर 1980: पहली बार विधायक बने

  • 1990: मध्य प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री
  • 1996: पहली बार लोकसभा पहुंचे (शाजापुर, म.प्र.)
  • 1998: दोबारा लोकसभा जीती
  • 1999: तीसरी बार लोकसभा सदस्य और भाजपा संसदीय दल के चीफ व्हिप
  • 2002: भाजपा के राष्ट्रीय सचिव, पूर्वोत्तर प्रभारी
  • 2004: चौथी बार लोकसभा, भाजपा उपाध्यक्ष
  • 2012: राज्यसभा सदस्य
  • 2014: सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री
  • 2018: दूसरी बार राज्यसभा सदस्य
  • 2019: राज्यसभा में सदन के नेता
  • 2021: कर्नाटक के राज्यपाल नियुक्त

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ओम माथुर: मोदी-शाह के करीबी रणनीतिकार

सिक्किम के राज्यपाल ओम माथुर (73) राजस्थान से आते हैं और भाजपा संगठन के कद्दावर चेहरे हैं। वे गुजरात चुनाव के समय प्रभारी रहे, जब मोदी मुख्यमंत्री थे, और अमित शाह के भी भरोसेमंद माने जाते हैं। आरएसएस में प्रचारक रह चुके माथुर संगठन कौशल और राजनीतिक रणनीति में माहिर हैं।

ओम माथुर का राजनीतिक सफर

  • 1972: आरएसएस प्रचारक
  • 1988: भाजपा में शामिल
  • 1990: राजस्थान भाजपा के महासचिव
  • 2002: भाजपा के केंद्रीय प्रभारी
  • 2004: भाजपा के राष्ट्रीय सचिव
  • 2005: भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव
  • 2008: राजस्थान भाजपा अध्यक्ष
  • 2008: राज्यसभा सदस्य
  • 2014: भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष
  • 2016: दूसरी बार राज्यसभा सदस्य
  • 2024: सिक्किम के राज्यपाल

उपराष्ट्रपति के अन्य संभावित दावेदार

हरिवंश नारायण सिंह – राज्यसभा उपसभापति, जेडीयू नेता, NDA सहयोगियों में स्वीकार्य चेहरा।

आचार्य देवव्रत – गुजरात के राज्यपाल, पूर्व हरियाणा राज्यपाल, शिक्षा व संस्कृति से गहरा जुड़ाव, आरएसएस पृष्ठभूमि।

वीके सक्सेना – दिल्ली के उपराज्यपाल, प्रशासनिक अनुभव, स्वदेशी आंदोलन से जुड़े। मनोज सिन्हा – जम्मू-कश्मीर उपराज्यपाल, अनुच्छेद 370 हटने के बाद प्रशासनिक स्थिरता में अहम भूमिका। शेषाद्रि चारी – पूर्व आरएसएस प्रचारक, भाजपा के वैचारिक रणनीतिकार, विदेश नीति और सुरक्षा मामलों में गहरी समझ।

उपराष्ट्रपति कैसे चुने जाते हैं? निर्वाचक मंडल का गठन – लोकसभा व राज्यसभा के सभी निर्वाचित और नामित सदस्य शामिल होते हैं। चुनाव की अधिसूचना – निर्वाचन आयोग तारीखें जारी करता है।

नामांकन प्रक्रिया – उम्मीदवार को कम से कम 20 सांसद प्रस्तावक और 20 सांसद समर्थक के रूप में चाहिए। प्रचार – केवल सांसद ही मतदाता होते हैं, इसलिए प्रचार सीमित दायरे में होता है।

मतदान – सांसद मतपत्र पर प्रत्याशियों को प्राथमिकता क्रम (1, 2, 3…) में अंकित करते हैं।

गिनती और परिणाम – 50% से ज्यादा वैध वोट पाने वाला उम्मीदवार विजेता घोषित होता है।

वीके सक्सैना ही उप राष्ट्रपति बनेंगे; कुछ गेस करो मोदी जी को कोई समझ पाया है और ना समझ पाएगा जब नाम आएगा तो सब ताज्जुब करेंगे।