“केंद्रीय कैबिनेट का तोहफा: कोटा को मिला नया एयरपोर्ट, ओडिशा को हाईटेक रिंग रोड की सौगात, कई और फैसलों पर लगी मुहर”
केंद्र सरकार ने मंगलवार (19 अगस्त) को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में दो बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी है। पहला, राजस्थान के कोटा में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के निर्माण को हरी झंडी दी गई है, जिसकी अनुमानित लागत ₹1507 करोड़ होगी।
वहीं, दूसरा बड़ा फैसला ओडिशा के लिए है, जहां कटक और भुवनेश्वर के बीच ₹8307 करोड़ की लागत से एक आधुनिक 6-लेन रिंग रोड का निर्माण किया जाएगा।
कोटा में बनेगा आधुनिक एयरपोर्ट कोटा में लंबे समय से एक बड़े एयरपोर्ट की मांग की जा रही थी। वर्तमान में मौजूद एयरपोर्ट छोटा है और सीमित क्षमता वाला है। इस मांग को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने बूंदी जिले में नया एयरपोर्ट बनाने की मंजूरी दी है। राजस्थान सरकार इस प्रोजेक्ट के लिए 1000 एकड़ जमीन उपलब्ध कराएगी।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी देते हुए बताया कि नए एयरपोर्ट का रनवे 3200 मीटर लंबा होगा और टर्मिनल भवन करीब 20,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैला होगा। यह एयरपोर्ट प्रति वर्ष 20 लाख यात्रियों की क्षमता संभाल सकेगा और इसे आगामी दो वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
उन्होंने यह भी बताया कि 2014 में जहां देश में सिर्फ 74 एयरपोर्ट थे, अब उनकी संख्या बढ़कर 162 हो गई है। उन्होंने कोटा को न केवल एजुकेशन हब बल्कि इंडस्ट्रियल सेंटर भी बताया और कहा कि देशभर से छात्र और प्रोफेशनल्स यहां आते हैं, इसलिए एयर कनेक्टिविटी बेहद जरूरी थी।
देश में हवाई यात्रियों की संख्या 41 करोड़ के पार केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने बताया कि देश में हवाई यात्रियों की संख्या में भी जबरदस्त इजाफा हुआ है। पहले यह आंकड़ा 16 करोड़ के करीब था, जो अब बढ़कर 41 करोड़ तक पहुंच चुका है। ऐसे में देशभर में नए एयरपोर्ट्स की जरूरत बढ़ गई है, और सरकार उसी दिशा में कार्य कर रही है।
ओडिशा को मिला हाईटेक रिंग रोड कैबिनेट बैठक में ओडिशा के कटक और भुवनेश्वर के लिए एक और बड़ी सौगात दी गई है। दोनों शहरों के बीच 8307 करोड़ रुपये की लागत से 111 किलोमीटर लंबा रिंग रोड बनाया जाएगा। यह सड़क एक्सप्रेसवे की तर्ज पर बनेगी और पूरी तरह एक्सेस कंट्रोल्ड होगी। सड़क को 6 लेन में बनाया जाएगा और इसे तैयार करने में ढाई साल का समय लगेगा।
सरकार का कहना है कि यह प्रोजेक्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पूर्वोदय विजन का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य पूर्वी भारत को इंफ्रास्ट्रक्चर और विकास के क्षेत्र में मजबूत बनाना है।