जीएसटी 2.0 – आइए जानते हैं इस नई व्यवस्था, बचत की गणना’ और नए टैक्स स्लैब से क्या सस्ता होगा?
जीएसटी परिषद ने 3-4 सितंबर को हुई अपनी बैठक में टैक्स स्लैब को आसान बना दिया है। अब 5% और 18% के केवल दो स्लैब होंगे, जो 22 सितंबर से लागू होंगे। इस बदलाव का सीधा फायदा देश की आम जनता को होगा, क्योंकि रोज़मर्रा की कई चीज़ें सस्ती हो जाएँगी।
अगर आप इस बात को लेकर असमंजस में हैं कि GST 2.0 से आपको कितनी बचत होगी, तो सरकार ने इसका भी समाधान दे दिया है। अब आप एक खास वेबसाइट के ज़रिए अपनी बचत का हिसाब लगा सकते हैं।
आइए जानते हैं इस नई व्यवस्था और वेबसाइट के बारे में।
ऐसे करें बचत की गणना सरकार के MyGov प्लेटफॉर्म ने ‘savingwithgst.in’ नाम से एक वेबसाइट लॉन्च की है।
इस वेबसाइट पर आप 22 सितंबर से पहले और बाद की कीमतों की तुलना करके अपनी बचत का पता लगा सकते हैं। इसमें खाने-पीने की चीज़ों, इलेक्ट्रॉनिक सामान, रसोई के सामान और जीवनशैली से जुड़ी चीज़ों की अलग-अलग कैटेगरी हैं।
किस वस्तु पर कितनी बचत होगी, यह जानने के लिए आपको बस अपनी पसंद की वस्तु को कार्ट में जोड़ना होगा। इसके बाद, आपको कार्ट में उस वस्तु की मूल कीमत, वैट के समय की कीमत और GST 2.0 के बाद की नई कीमत दिखाई देगी। उदाहरण के लिए, अगर आप कार्ट में दूध जोड़ते हैं, तो ₹60 प्रति लीटर वाले दूध की कीमत VAT के साथ ₹63.6 दिखाई देगी, जबकि GST 2.0 के तहत यह ₹60 ही रहेगी।
नए टैक्स स्लैब से क्या सस्ता होगा? जीएसटी परिषद की बैठक में 12% और 28% के टैक्स स्लैब को खत्म कर दिया गया है। अब केवल 5% और 18% के स्लैब ही रहेंगे। इसके अलावा, विलासिता की वस्तुओं पर 40% टैक्स लगाया गया है। इस बदलाव से रोज़मर्रा की कई ज़रूरी चीज़ें और पैकेज्ड फ़ूड आइटम सीधे तौर पर सस्ते हो जाएँगे।
अब, अल्ट्रा-हाई टेम्परेचर (UHT) दूध, पैकेज्ड और लेबल वाले पनीर या छेना, और सभी भारतीय ब्रेड पर शून्य (0%) जीएसटी लगेगा। वहीं, साबुन, शैम्पू, टूथब्रश, टूथपेस्ट, टेबलवेयर और साइकिल जैसी घरेलू वस्तुओं पर 5% जीएसटी लगेगा। यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों’ को लागू करने के वादे के अनुरूप है, जिससे देश में आर्थिक सुधार आएंगे और आम लोगों को राहत मिलेगी।
इसके अलावा 40 प्रतिशत का एक नया स्लैब बनाया गया है। इस फैसले के बाद टेलीविजन और एयर कंडीशनर जैसी उपभोक्ता वस्तुओं के अलावा कई खाने-पीने और दैनिक उपयोग की वस्तुएं सस्ती हो जाएंगी। 22 सितंबर से आपको वस्तुओं पर कितनी राहत मिलेगी, यह आप केंद्र सरकार की वेबसाइट पर जाकर जान सकते हैं।
जीएसटी पर वित्त मंत्री ने क्या कहा? इस बीच, निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘जीएसटी में व्यापक बदलाव जनता के लिए एक सुधार है और इस कदम का देश के 140 करोड़ लोगों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इसका सबसे गरीब तबके पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।’ उन्होंने यह भी कहा कि यह सिर्फ़ दरों में कमी का मामला नहीं है, बल्कि कंपनियों के लिए भी चीज़ें आसान हो जाएँगी। चाहे वह रिफंड का मामला हो, अनुपालन का या पंजीकरण का, उनके लिए चीज़ें और आसान हो जाएँगी।
सीतारमण ने कहा, ‘एक बार यह प्रक्रिया पूरी हो जाने पर 90 प्रतिशत रिफंड एक निश्चित समय के भीतर स्वतः ही क्लियर हो जाएँगे। साथ ही, कंपनियाँ तीन दिनों के भीतर सफलतापूर्वक अपना पंजीकरण करा सकेंगी।’ सीतारमण ने कहा कि जीएसटी दरों में कमी से वस्तुओं की कीमतें कम होंगी और खपत बढ़ेगी और इससे राजस्व बढ़ने के साथ-साथ समग्र रूप से अर्थव्यवस्था को भी लाभ होगा।