“भारत पर क्या है नए टैरिफ का खतरा? अमेरिका रूस और उसके तेल खरीदारों पर बढ़ा रहा दबाव”
अमेरिका और भारत के संबंधों में एक नया मोड़ आया है। पहले दोनों देशों के बीच कुछ नरमी देखी गई थी, लेकिन अब अमेरिकी अधिकारी रूस के तेल राजस्व पर दबाव बनाने की बात कर रहे हैं क्योंकि रूस को चीन और भारत जैसे देशों में खरीदार मिल रहे हैं।
वहीं रविवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने यूक्रेन युद्ध के चलते रूस पर और प्रतिबंध लगाने की अपनी तैयारी की ओर इशारा किया। व्हाइट हाउस में पत्रकारों के सवाल पर ट्रंम्प ने कहा बस “हां, मैं तैयार हूं”।
हालांकि ट्रम्प ने इससे ज़्यादा कुछ नहीं कहा। वहीं इसके कुछ घंटे पहले ये खुलासा हुआ है कि अमेरिका मॉस्को और उसके तेल खरीदारों, जैसे भारत, पर और अधिक शुल्क और अन्य दबाव डालने की दिशा में बढ़ रहा है।
ट्रम्प के इस हां से पहले अमेरिकी ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट ने रूस से तेल खरीदने वाले देशों पर अधिक प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया था, जिसमें भारत प्रमुख रूप से शामिल था। उनका लक्ष्य रूसी अर्थव्यवस्था को “पतन” की ओर धकेलना था।
पुतिन को बातचीत के लिए मजबूर करना है बेसेंट ने तर्क दिया कि केवल इसी तरह का पतन व्लादिमीर पुतिन को यूक्रेन के साथ बातचीत के लिए मजबूर कर सकता है। अलास्का में पुतिन के साथ शिखर सम्मेलन के बावजूद, ट्रम्प की शांति मध्यस्थता अब तक काम नहीं आई है, बल्कि युद्ध और बढ़ गया है।
यह नए घटनाक्रम राष्ट्रपति ट्रम्प और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच प्रेस और सोशल मीडिया के माध्यम से आपसी सराहना के ठीक दो दिन बाद आया है। बेसेंट ने “रूसी तेल खरीदने वाले देशों” का उल्लेख करते हुए किसी देश का नाम नहीं लिया, लेकिन भारत इस मुद्दे पर अमेरिकी शुल्कों का सबसे बड़ा लक्ष्य है।
एनबीसी से बात करते हुए बेसेंट ने कहा, “यदि अमेरिका और यूरोपीय संघ अधिक प्रतिबंधों के साथ आते हैं, और रूसी तेल खरीदने वाले देशों पर और अधिक द्वितीयक शुल्क लगाते हैं, तो रूसी अर्थव्यवस्था पूरी तरह से ढह जाएगी और इससे राष्ट्रपति पुतिन बातचीत की मेज पर आएंगे।”
युद्ध की शुरुआत से ही रूस अमेरिका और यूरोप दोनों के कड़े प्रतिबंधों के अधीन है, लेकिन उसने भारत, चीन और अन्य जगहों पर अपने तेल और गैस के लिए ग्राहक ढूंढ लिए हैं, जिससे उसका राजस्व बढ़ रहा है।
‘नेतन्याहू को रोको’, अपने ही PM के खिलाफ क्यों भड़की Israel की जनता? ट्रंप से लगाई गुहार अमेरिका भारत पर लगा रहा ये आरोप उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस सहित शीर्ष अमेरिकी अधिकारियों ने कहा है कि अमेरिका इस राजस्व धारा पर दबाव बनाना चाहता है। इसीलिए उन्होंने यूक्रेन संघर्ष को “मोदी का युद्ध” कहा है, और ट्रम्प ने खुद भारत पर “रूसी युद्ध मशीन को बढ़ावा देने” का आरोप लगाया है।
भारत पर लगाए गए शुल्क पुतिन के खिलाफ “दबाव” हैं वेंस ने साफ तौर पर कहा है कि भारत पर लगाए गए शुल्क पुतिन के खिलाफ “दबाव” हैं। भारत ने 25% “दंडात्मक” शुल्क (जिसका अर्थ है अधिकांश भारतीय वस्तुओं पर कुल 50% अमेरिकी आयात शुल्क) के तर्क पर सवाल उठाया है और तर्क दिया है कि वह केवल अपने संप्रभु राष्ट्रीय हित में तेल खरीद रहा है। इस बीच, रविवार को यूक्रेन में युद्ध और गंभीर हो गया क्योंकि रूस ने कीव में मुख्य सरकारी परिसर पर बमबारी की।