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बंगाल चुनावः शुभेंदु अधिकारी का आरोप, ममता ने अपने नामांकन पत्र में छुपाई जानकारी

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बंगाल के चुनावी रण में शुभेंदु अधिकारी नंदीग्राम विधानसभा सीट से ममता बनर्जी के खिलाफ चुनावी मुकाबले में हैं.

बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर बीजेपी के शुभेंदु अधिकारी ने बड़ा आरोप लगाया है. शुभेंदु अधिकारी ने सोमवार को कहा कि ममता बनर्जी ने अपने नामांकन पत्र में कई जानकारियों को छुपाया है. शुभेंदु का कहना है कि ममता बनर्जी ने अपने ऊपर चल रहे मामलों का जिक्र नामांकन पत्र में नहीं किया है. शुभेंदु अधिकारी ने बताया कि ममता बनर्जी पर केस संख्या 286/2018 के तहत आईपीसी की धारा 20बी, 153ए और 198, असम के गीतानगर पुलिस स्टेशन, केस संख्या 466/2018 के तहत आईपीसी की धारा 120बी, 153ए, 294, 298 और 506, पान बाजार पुलिस स्टेशन, केस संख्या 288/2018 के तबत आईपीसी की धारा 121, 153ए जगरोड पुलिस स्टेशन के मामले हैं. ममता पर दर्ज ये मामले असम में दर्ज हैं.

शुभेंदु और ममता का नंदी’सं’ग्राम
शुभेंदु अधिकारी के मुताबिक असम के ही उत्तर लखीमपुर सदर थाना में ममता बनर्जी के ऊपर केस संख्या 832/2018 के तहत आईपीसी की धारा 353, 323 और 338 में मामला दर्ज है. इसके साथ कोलकाता के निजाम पैलेस में सीबीआई द्वारा दायर केस संख्या आरसी 01020008A0023/2008 शामिल हैं. बता दें कि बंगाल के चुनावी रण में शुभेंदु अधिकारी नंदीग्राम विधानसभा सीट से ममता बनर्जी के खिलाफ चुनावी मुकाबले में हैं.

बीजेपी कार्यकर्ताओं के परिजनों के दर्द का क्या?
दूसरी ओर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हाल में चोट लगने की वजह से दर्द में हैं और उनके जल्द ठीक होने की कामना की, मगर सवाल किया कि क्या वह बीजेपी के उन कार्यकर्ताओं के परिवारों का दर्द महसूस कर सकती हैं, जिनकी हत्या पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के शासन के दौरान की गई. बांकुड़ा जिले के रानीबंध में एक रैली को संबोधित करते हुए शाह ने वादा किया कि अगर बीजेपी राज्य की सत्ता में आती है तो राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए सातवें वेतन आयोग को लागू किया जाएगा.
उन्होंने आरोप लगाया, “दीदी (बनर्जी) जब आपके के पैर में चोट लगी तो आपको दर्द हुआ. मैं कामना करता हूं कि आप जल्द ठीक हो जाएं. लेकिन 130 बीजेपी कार्यकर्ताओं की मांओं के दर्द का क्या, जिनकी हत्या टीएमसी के गुंडों ने की है. क्या आपने उनका दर्द कभी महसूस करने की कोशिश की?” शाह ने कहा, “ आपने कभी भी इन लोगों की पीड़ा महसूस नहीं की. वे विधानसभा चुनाव में वोट डालने के दौरान आपको मुंहतोड़ जबाव देंगे.”

“आदिवासी प्रमाणपत्र के लिए कट मनी”
बीजेपी नेता ने कहा कि अगर उनकी पार्टी राज्य में सत्ता में आती है तो वह सुनिश्चित करेगी कि आदिवासियों के अधिकारों को सुरक्षित किया जाए. उन्होंने आरोप लगाया, “टीएमसी आदिवासी प्रमाणपत्र तक के लिए ‘कट मनी’ (कमीशन) मांगती है. हम आदिवासियों के भूमि अधिकारों को सुनिश्चित करेंगे. क्षेत्र में आदिवासियों के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और पेयजल पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. हम इसका उल्लेख अपने चुनाव घोषणापत्र में भी करेंगे.” बांकुड़ा जिले में आदिवासियों की खासी आबादी है जो किसी भी पार्टी की जीत के लिए अहम है

इससे पहले दिन में शाह को झाड़ग्राम जिले में एक रैली को संबोधित करना था, लेकिन उन्होंने डिजिटल माध्यम से संक्षिप्त भाषण दिया. बीजेपी ने कहा कि हेलीकॉप्टर में तकनीकी खराबी की वजह से वह रैली में शामिल नहीं हो पाए.