यूं तो गुलाब की खेती पूरे भारत में की जाती है. इससे इत्र, खुशबूदार तेल और ब्यूटी प्रोडक्ट्स बनाए जाते हैं. लेकिन दमस्क रोज की बात ही अलग है. यह गुलाब की बहुत ही बेहतरीन किस्म है.
इसकी कीमत भी सामान्य गुलाब के मुकाबले अधिक होती है. ऐसे कहा जाता है कि दमस्क गुलाब का मूल स्थान सीरिया है, लेकिन अब इसकी खेती कई देशों में हो रही है. हिमाचल प्रदेश में किसानों को इसकी खेती करने के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है. दमस्क रोज से इत्र और परफ्यूम बनाया जाता है. इसके अलावा इसका उपयोग पान मसाले में तेल और रोज वाटर के तौर भी किया जाता है.
किसान तक की रिपोर्ट के मुताबिक, गुणवत्ता और क्वालिटी की वजह से दमस्क गुलाब की डिमांड भारत में भी बढ़ती जा रही है. इसका तेल 10 से 12 लाख रुपये किलो बिकता है. अगर भारत के किसान दमस्क गुलाब की खेती करते हैं, तो उनकी किस्मत बदल सकती है. खास बात यह है कि इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन बायोरिसोर्स टेक्नोलॉजी (IHBT), पालमपुर, हिमाचल प्रदेश लगातार दमस्क रोज के ऊपर रिसर्च कर रहा है, ताकि किसान भाई इसकी खेती से अच्छी कमाई कर सकें.
इत्र और परफ्यूम तैयार करने में इसकी कुछ बूंदों की जरूरत पड़ती है
मार्केट में दमस्क रोज की कीमत डिमांड के अनुसार ऊपर- नीचे होती रहती है. लेकिन इसका रेट हमेशा 10 से 12 लाख रुपये के बीच ही होता है. इसका तेल इसलिए इतना महंगा बिकता है, क्योंकि एक किलो तेल निकालने के लिए साढ़े तीन टम दमस्क रोज की प्रोसेसिंग करनी पड़ती है. ऐसे भी दमस्क रोज की पैदावार बहुत कम है. यही वजह है कि इसका तेल इतना महंगा बिकता है. हालांकि, तेल निकालने के दौरान रोज वाटर भी निकलता है, जो सामान्य रोज वाटर के मुकाबले काफी तेज होता है. इत्र और परफ्यूम तैयार करने के लिए इसकी कुछ बूंदें ही काफी हैं.
फूलों के तेल में 100 से 150 के बीच कंपाउंड पाए जाते हैं
आईएचबीटी के इंजीनियर मोहित शर्मा का कहना है कि फूलों से निकाले गए तेल या या इसके रस से बनाए गए इत्र को कांच की बोतल में नहीं रखा जाता है. इसे एल्युमीनियम की बोतल में ही रखना होता है. मोहित शर्मा की माने तो फूलों के तेल में 100 से 150 के बीच कंपाउंड पाए जाते हैं. इनमें से 15- 16 कंपाउंड ही ऐसे होते हैं, जो तेल के रूप में होते हैं. कांच की बोतल में फूलों का तेल रखने पर उसके ऊपर सूर्य की रोशनी पड़ेगी. ऐसे में कंपाउंड खराब हो जाएंगे, जिससे तेल की क्वालिटी बेकार हो जाएगी.