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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 30 मार्च को विभिन्न क्षेत्रों में देश के लिए अतुलनीय योगदान देने वाली पांच हस्तियों को भारत रत्न से सम्मानित करेंगी।

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Bharat Ratna: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 30 मार्च को विभिन्न क्षेत्रों में देश के लिए अतुलनीय योगदान देने वाली पांच हस्तियों को भारत रत्न से सम्मानित करेंगी।

केंद्र सरकार ने बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर, पूर्व प्रधानमंत्री और किसान नेता चौधरी चरण सिंह और कृषि क्रांति के अग्रदूत एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न से सम्मानित करने का फैसला किया था।

कार्यक्रम का आयोजन राष्ट्रपति भवन में 11 बजे किया जाएगा

उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक, भारत रत्न सम्मान समारोह 30 मार्च को सुबह 11 बजे राष्ट्रपति भवन में आयोजित किया जाएगा। समारोह में भारत रत्न से जुड़े पदक और प्रशस्ति पत्र इससे सम्मानित हस्तियों के परिजनों को सौंपे जायेंगे। लालकृष्ण आडवाणी को छोड़कर बाकी चार हस्तियों को मरणोपरांत यह सम्मान दिया गया है, जाहिर है उनके परिवार वाले ही इस सम्मान को स्वीकार करेंगे।

पूर्व उपप्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी के स्वास्थ्य को देखते हुए राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में उनके शामिल होने की संभावना कम है। ऐसे में संभावना है कि आडवाणी का सम्मान भी उनके परिवार से छिन जाएगा।

इन हस्तियों को किया जाएगा सम्मानित

राम जन्मभूमि आंदोलन के नायक लाल कृष्ण आडवाणी, समाजवादी आंदोलन के प्रणेता कर्पूरी ठाकुर, आर्थिक उदारीकरण के जरिए भारत में विकास का युग शुरू करने वाले नरसिम्हा राव और किसानों के सबसे बड़े नेता चौधरी चरण सिंह किसानों की समृद्धि का रास्ता। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भारत को खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले स्वामीनाथन को भारत रत्न देना मोदी सरकार का राजनीतिक मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है।

पिछले दिनों कर्पूरी ठाकुर को दिया गया सम्मान

चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने के बाद उनके पोते जयंत चौधरी ने इस्तीफा देकर एनडीए में शामिल होने का ऐलान किया था, वहीं कर्पूरी ठाकुर को सम्मान देने के बाद नीतीश कुमार ने राजद से नाता तोड़कर फिर से बीजेपी में शामिल होने का फैसला किया था। इससे भारत रत्न के बड़े राजनीतिक निहितार्थ समझे जा सकते हैं। अप्रैल में मतदान प्रक्रिया शुरू होने से पहले भारत रत्न पुरस्कार समारोह के आयोजन को इसी राजनीतिक नजरिए से देखा जा रहा है।