Home छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़ : साय सरकार रेडी टू ईट योजना का काम महिला स्व...

छत्तीसगढ़ : साय सरकार रेडी टू ईट योजना का काम महिला स्व सहायता समूहों को सौंपने का फैसला, भूपेश बघेल के रहते हुए यह काम एक निजी कंपनी को दिया था। 

32
0

छत्तीसगढ़ : साय सरकार रेडी टू ईट योजना का काम महिला स्व सहायता समूहों को सौंपने का फैसला, भूपेश बघेल के रहते हुए यह काम एक निजी कंपनी को दिया था। 

छत्तीसगढ़ की साय सरकार रेडी टू ईट योजना का काम महिला स्व सहायता समूहों को सौंपने का फैसला कर सकती है। भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री रहते हुए यह काम एक निजी कंपनी को दिया गया था। महिला एवं बाल विकास विभाग ने अध्ययन कर रिपोर्ट तैयार की है, जिसे कैबिनेट में प्रस्तुत किया जाएगा।

छत्तीसगढ़ सरकार की कैबिनेट की बैठक मंगलवार को होगी। रेडी टू ईट योजना का काम महिलाओं को सौंपा जा सकता है। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने यह काम निजी कंपनी को सौंपा था।

प्रदेश में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने महिलाओं से रेडी टू ईट का काम छीनकर एक निजी कंपनी को दे दिया था। इसके बाद महिलाएं लगातार अपने अधिकार के लिए लड़ती रहीं लेकिन सुनवाई नहीं हुई।

प्रदेश में भाजपा सरकार आते ही मुख्यमंत्री विष्णु देव साय पूर्व सरकार के कई फैसलों को बदलती दिख रही है। इसमें अब कंपनी की जगह एक बार फिर गर्भवती माताओं और कुपोषित बच्चों को दिए जाने वाले रेडी टू ईट का काम स्व सहायता समूहों को देने की तैयारी है।

ओडिशा, महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, झारखंड, केरल, उत्तर प्रदेश और गुजरात का दौरा करने के बाद महिला एवं बाल विकास विभाग की चारों टीमों ने रिपोर्ट तैयार कर शासन को सौंप दिया है। साय सरकार की मंगलवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक में रेडी टू ईट की जिम्मेदारी स्व सहायता समूह की महिलाओं को देने का निर्णय लिया जा सकता है। इससे प्रदेश की 20 हजार से अधिक महिलाओं को रेडी टू ईट का काम मिल जाएगा। प्रदेशभर में 1,786 महिला समूह हैं।

गौरतलब है कि कांग्रेस सरकार ने केंद्र सरकार का हवाला देते हुए रेडी-टू-ईट योजना का संचालन महिला समूहों से लेकर राज्य बीज विकास निगम को सौंप दिया था। इससे महिलाओं के स्वजन को मिलाकर करीब तीन लाख लोग प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित हुए थे।

प्रदेश में रेडी-टू-ईट को स्व सहायता समूहों को देने विधानसभा चुनाव में भाजपा ने मोदी की गारंटी में शामिल किया था। चुनाव के बाद सरकार बनते ही रेडी-टू-ईट का संचालन फिर से महिला समूहों को सौंपने का निर्णय लिया गया। प्रदेश में रेडी-टू-ईट के बेहतर क्रियान्वायन के लिए दूसरे राज्यों में संचालन की स्थिति का अध्ययन करने का निर्णय लेकर महिला एवं बाल विकास की चार टीमें गठित की गई। टीम में आठ सदस्य थे। सूरजपुर, जशपुर, महासमुंद और कवर्धा के जिला कार्यक्रम अधिकारियों को भी शामिल किया गया था। आठ राज्यों का अध्ययन कर रिपोर्ट तैयार की गई है।

महिला एवं बाल विकास के गठित अध्ययन दल में संयुक्त संचालक, उप संचालक और सहायक संचालक को शामिल किया गया था। ओडिश और महाराष्ट्र का दौरा संयुक्त संचालक अर्चना राणा और उप संचालक श्रुति नेरकर, कर्नाटक का संयुक्त संचालक क्रिस्टिना लाल और सहायक संचालक शिव सोनी, मध्यप्रदेश और झारखंड का संयुक्त संचालक दिलदार सिंह व उप संचालक मुक्तानंद खुटे तथा केरल, उत्तरप्रदेश और गुजरात का उप संचालक प्रियंका केशर और सुनील शर्मा को दिया गया था।