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“ट्रंप के टैरिफ का असर! सुधरने लगे चीन से रिश्ते, आज भारत आएंगे चीनी विदेश मंत्री वांग यी; डोभाल और जयशंकर से होगी मुलाकात”

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“ट्रंप के टैरिफ का असर! सुधरने लगे चीन से रिश्ते, आज भारत आएंगे चीनी विदेश मंत्री वांग यी; डोभाल और जयशंकर से होगी मुलाकात”

अमेरिका ने दुनिया के दो सबसे ज्यादा आबादी वाले देशों भारत और चीन पर ज्यादा-से-ज्यादा टैरिफ लगाए हैं. ट्रंप के टैरिफ की वजह से दोनों पड़ोसी देशों के बीच रिश्तों में गरमाहट वापस लौटी है.

इसका असर भी दिखने लगा है, क्योंकि चीन के विदेश मंत्री वांग यी 18-19 अगस्त को भारत का दौरा करने वाले हैं. इस दौरान वे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल के साथ भारत-चीन सीमा विवाद पर 24वें दौर की स्पेशल रिप्रेजेंटेटिव्स (SR) वार्ता करेंगे.

भारत और चीन का द्विपक्षीय संबंध केवल आर्थिक नहीं बल्कि सामरिक और भू-राजनीतिक महत्व भी रखता है. 2020 के गलवान संघर्ष के बाद से रिश्तों में तनाव बना हुआ है. हालांकि हाल के महीनों में दोनों देशों ने सैनिकों की सीमित वापसी और संवाद तंत्र को सक्रिय कर कुछ सकारात्मक संकेत दिए हैं. इसी कड़ी में चीन के विदेश मंत्री और पोलित ब्यूरो सदस्य वांग यी का भारत दौरा बेहद अहम माना जा रहा है.

अजीत डोभाल के साथ भारत-चीन सीमा विवाद पर बैठक इस दौरान वे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल के साथ भारत-चीन सीमा विवाद पर 24वें दौर की स्पेशल रिप्रेजेंटेटिव्स (SR) वार्ता करेंगे. दोनों ही नेता अपने-अपने देशों के लिए विशेष प्रतिनिधि नामित हैं और सीमा वार्ता में उनकी भूमिका निर्णायक है. माना जा रहा है कि इस बैठक में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर सैनिकों की तैनाती कम करने, संवाद बढ़ाने और विश्वास बहाली जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी.

विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ द्विपक्षीय वार्ता वांग यी की मुलाकात विदेश मंत्री एस. जयशंकर से भी होगी. यहां व्यापार, कूटनीति, वीजा नियमों में ढील और हवाई संपर्क बहाली जैसे मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है. भारत और चीन के बीच व्यापारिक संबंध काफी गहरे हैं, लेकिन सीमा तनाव ने इन्हें प्रभावित किया है.

मोदी की चीन यात्रा से पहले अहम तैयारी वांग यी का भारत दौरा ऐसे समय हो रहा है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चीन दौरे की संभावना जताई जा रही है. वे 31 अगस्त और 1 सितंबर को SCO शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए चीन के तियानजिन जा सकते हैं. इससे पहले प्रधानमंत्री 29 अगस्त को जापान की यात्रा करेंगे. ऐसे में यह दौरा एक तरह से शिखर सम्मेलन से पहले की भूमिका तैयार करने वाली कूटनीतिक पहल है.

सीमा तनाव कम करने की कोशिशें जून 2020 के गलवान घाटी संघर्ष के बाद से संबंधों में खटास आई थी. दोनों देशों ने कई क्षेत्रों से सैनिक हटाए हैं, लेकिन अब भी 50-60 हजार सैनिक LAC पर तैनात हैं. सीमा तनाव कम करने के लिए कैलाश मानसरोवर यात्रा शुरू करना, पर्यटक वीजा जारी करना और सीधी उड़ानों की बहाली जैसे कदमों पर चर्चा चल रही है. विदेश सचिव विक्रम मिस्री, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री जयशंकर भी हाल ही में चीन गए थे, जिससे संकेत मिलता है कि दोनों देश संवाद को आगे बढ़ाना चाहते हैं.