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“पृथ्वी का आखिरी दिन? अपोफिस के टकराने पर सुनामी निगल जाएगी शहर, 1312 फीट ऊंची लहरें बनेंगी मौत का दरिया”

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“पृथ्वी का आखिरी दिन? अपोफिस के टकराने पर सुनामी निगल जाएगी शहर, 1312 फीट ऊंची लहरें बनेंगी मौत का दरिया”

क्षुद्रग्रह 99942, जिसे अपोफिस कहा जाता है, को लेकर वैज्ञानिकों ने साल 2004 में पहली बार चेतावनी दी थी। रिसर्च में सामने आया था कि यह विशालकाय स्पेस रॉक 2029 में पृथ्वी से टकरा सकता है।

इस खबर ने पूरी दुनिया को हिला दिया था। उस समय कई रिसर्च सेंटर और एजेंसियां लगातार इसकी रफ्तार का आकलन कर रही थीं। नासा समेत दुनिया के प्रमुख अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने इस पर ध्यान केंद्रित किया। आखिरकार, कई सालों की रिसर्च के बाद यह साफ हो गया कि कम से कम अगले 100 साल तक अपोफिस पृथ्वी से नहीं टकराएगा। हालांकि, यह साल 2029 में पृथ्वी के बेहद करीब से गुजरेगा। यह स्थिति भले ही टकराव का खतरा न हो, लेकिन लोगों को यह जरूर सोचने पर मजबूर कर देती है कि अगर यह क्षुद्रग्रह धरती से टकरा गया तो आखिर होगा क्या?

अपोफिस टकराए तो कितना बड़ा धमाका होगा? अपोफिस का आकार लगभग 1214 फुट लंबा यानी एक छोटे पहाड़ जितना है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि अगर यह पृथ्वी से टकराता है, तो इससे निकलने वाली ऊर्जा करीब 1,00,000 मेगाटन TNT के बराबर होगी। तुलना करें तो यह ताकत अब तक किए गए सबसे बड़े परमाणु परीक्षणों से भी हजारों गुना ज्यादा होगी। ऐसे धमाके से न सिर्फ स्थानीय क्षेत्र, बल्कि सैकड़ों किलोमीटर का इलाका तबाह हो जाएगा। आसपास की इमारतें पलभर में गिर जाएंगी और शहर खाक में बदल जाएंगे। टकराव के केंद्र से लेकर चारों ओर धूल, आग और जहरीली गैसें फैलेंगी। वैज्ञानिकों के अनुसार, यह धमाका “डायनासोर के खत्म होने” जैसी आपदा को दोहरा सकता है। ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है कि अगर अपोफिस जैसी चट्टान टकराई, तो क्या पूरी धरती रहने लायक बचेगी? हालांकि, राहत की बात यह है कि अभी कम से कम 100 साल तक इंसान को इससे डरने की जरूरत नहीं है।

1000 फीट ऊंची सुनामी अगर अपोफिस जमीन पर गिरा, तो वैज्ञानिक मानते हैं कि यह लगभग 5 किलोमीटर गहरा और कई किलोमीटर चौड़ा गड्ढा बना देगा। इससे आसपास का इलाका पूरी तरह उजड़ जाएगा। वहीं, अगर यह क्षुद्रग्रह समुद्र में गिरता है, तो और भी डरावनी स्थिति बन सकती है। समुद्र में गिरते ही यह 1,312 फीट ऊंची सुनामी की लहरें पैदा करेगा। इतनी ऊंची लहरें पूरी-की-पूरी तटीय आबादी को बहा ले जाएंगी। यानी सिर्फ एक टकराव से कई देशों की किस्मत बदल सकती है। धरती पर लाखों लोग पलभर में लापता हो जाएंगे और अर्थव्यवस्था से लेकर पर्यावरण तक सबकुछ तबाह हो जाएगा।

वायुमंडल में टूटे तो क्या होगा? अब सवाल यह भी है कि अगर अपोफिस धरती से न टकराए और वायुमंडल में ही टूट जाए तो क्या होगा? वैज्ञानिकों का मानना है कि इस स्थिति में भी खतरा कम नहीं होगा। वायुमंडल में टूटने से एक भारी वायुविस्फोट होगा। यह विस्फोट इतना ताकतवर होगा कि सैकड़ों किलोमीटर के क्षेत्र में दबाव की लहरें और आग का गोला नजर आएगा। इससे खिड़कियां चटक जाएंगी, इमारतें हिल जाएंगी और बहुत बड़ा इलाका राख में बदल जाएगा। ऐसा ही एक छोटा उदाहरण 1908 का तुंगुस्का विस्फोट है, जिसने रूस के एक बड़े इलाके को तबाह कर दिया था, जबकि वह क्षुद्रग्रह अपोफिस से कई गुना छोटा था।