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भारत-अमेरिका संबंधों में तनाव की बड़ी वजह, ट्रंप के दावे के पीछे 5 कारण समझिए…

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भारत-अमेरिका संबंधों में तनाव की बड़ी वजह, ट्रंप के दावे के पीछे 5 कारण समझिए…

भारत के खिलाफ लगातार हमले बोल रहे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को शायद अब हकीकत का अहसास हो गया है। ट्रंप ने कबूला है कि अमेरिका ने भारत और रूस को चीन के हाथों खो दिया है।

हालांकि, ट्रंप ने जो कहा है वह केवल आधा सच ही है। इसके आगे की बात यह है कि भारत के अमेरिका से दूर जाने की वजह अमेरिकी राष्ट्रपति खुद ही हैं। पिछले कुछ हफ्तों में ट्रंप और उनके खास सिपहसालारों ने भारत पर तीखे हमले किए हैं, जिसमें उनके ट्रेड सलाहकार पीटर नवारो सबसे आगे रहे हैं। ट्रंप के धोखे और बड़बोलापन भारत-अमेरिका संबंधों में तनाव की बड़ी वजह बना है। आइए वो 5 कारण जानते हैं, जिसने भारत को अमेरिका से दूर जाने पर मजबूर किया है।

1- ट्रंप ने पीठ में छुरा भोंका अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पीएम मोदी को अपना अच्छा दोस्त बताते हैं, लेकिन उसके साथ ही वे भारत के खिलाफ दुनिया का सबसे ऊंचा टैरिफ लगाते हैं। ट्रंप ने पिछले महीने के आखिर में भारत के खिलाफ 50 प्रतिशत टैरिफ को लागू कर दिया था। इसमें रूस से तेल खरीदने को लेकर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ भी लागू है। खास बात है कि अमेरिका ने चीन पर भी ये शुल्क नहीं लगाया है, जो रूसी तेल का सबसे बड़ा खरीदार है।<

“2- दुश्मन को गोद में बैठाया डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को परमाणु बम की धमकी देने वाले पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर की वॉइट हाउस में मेजबानी की थी। मुनीर पाकिस्तान के पहले आर्मी जनरल हैं, जिन्हें वॉइट हाउस में राष्ट्रपति के साथ लंच करने का अवसर मिला था। ट्रंप और मुनीर की यह मुलाकात भारत-पाकिस्तान के बीच मई में हुए सैन्य संघर्ष के लगभग एक महीने बाद ही हुई थी।

3- भारत-पाकिस्तान युद्धविराम को लेकर दावा अमेरिकी राष्ट्रपति लगातार भारत और पाकिस्तान के बीच मई में हुए युद्धविराम का क्रेडिट खुद को देते रहे हैं। ट्रंप ने लगातार बयान दिया है कि उन्होंने युद्धविराम के लिए भारत पर दबाव बनाने के लिए ट्रेड डील को हथियार बनाया था। ट्रंप ने यहां तक कह दिया कि उन्होंने पीएम मोदी से कहा कि अगर भारत-पाकिस्तान युद्ध नहीं रोकते हैं, तो अमेरिका कोई ट्रेड डील नहीं करेगा। भारत ने ट्रंप के दावे का लगातार खंडन किया है और कहा कि युद्धविराम में तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं है।

4- पीटर नवारो के जहरीले बोल भारत और अमेरिका के संबंधों में और तनाव लाने के लिए ट्रंप के ट्रेड सलाहकार पीटर नवारो के जहरीले बयानों की कम भूमिका नहीं है। पीटर नवारो ने यूक्रेन के युद्ध को मोदी का युद्ध कह दिया। नवारो ने भारत के रूसी तेल खरीदने पर हमला बोला और कहा कि ऐसा करके वह पुतिन की वॉर मशीन को ईंधन दे रहा है। नवारो का सबसे तीखा हमला हाल ही में हुआ, जब उन्होंने भारतीयों को संबोधित करते हुए यह कह दिया कि रूसी तेल खरीद से भारत में ब्राह्मण मुनाफा कमा रहे हैं। हालांकि, यह उनकी भारतीय व्यापार दिग्गजों के बारे में कम समझ को बताता है।

5- अमेरिकी वाणिज्य मंत्री का हमला अमेरिका-भारत संबंधों को सबसे ताजा झटका अमेरिकी वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लुटनिक से आया है। लुटनिक ने शुक्रवार को ब्लूमबर्ग से बातचीत में कहा, मुझे लगता है कि एक या दो महीने में भारत बातचीत की मेज पर होगा। लुटनिक ने यहां तक कह दिया कि भारत अमेरिका से माफी मांगेगा और डोनाल्ड ट्रंप के साथ समझौता करने की कोशिश करेगा। यह ट्रंप की मेज पर होगा कि वह (प्रधानमंत्री) मोदी के साथ कैसे व्यवहार करना चाहते हैं। हम यह उन पर छोड़ते हैं।’